केउ जदि पाप करी.. | जक्कई छिलो भ्रष्टाचारी.. | अनन्त जीवन पावाय कोथा... | पौलुस केर सत्य वानी... | स्त्री आलक तखन आपन माया.. | अनेक रकम दोस देखा.. | सरग लोके गुड़ काथा.... | सुनो मुख्य धनी करे अभिमानी... | परभु ईसुु जाय घुरे... | मरियम मगदली दुइयो झने रबिबार बिहाने... | नाना प्रकारेक पापी जने... | प्रभु ईसु जाय घुरे... | अंगुर बारी मालिक साझा रोपे... | देखे छिलेन सर्ब झन... | सम्राट अगस्तुस केर समराइजे... | चेइढ़ कहन लाउका उपरे... | आधा राइते संगी आय...
पंचपरगानिया मसीही गीत
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